रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में संचालित सुशासन तिहार आम जनमानस के लिए राहत और विश्वास का प्रतीक बनकर उभरा है। इस अभियान के अंतर्गत अब सरकारी योजनाओं और सेवाओं की “होम डिलीवरी” हो रही है। समस्याएं अब लोगों को प्रशासनिक दफ्तरों में नहीं ले जातीं, बल्कि समाधान खुद उनके घर पहुंच रहा है।

रायगढ़ जिले में सुशासन तिहार के तहत आधार कार्ड बनवाने या उसमें सुधार के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन की टीमें गांव-गांव जाकर आवेदनों का निराकरण कर रही हैं। ग्राम पंचायत दर्रामुड़ा निवासी अनुज कुमार निषाद के बेटे गौरव निषाद के आधार कार्ड में त्रुटि के चलते उसका छात्र आईडी नहीं बन पा रहा था। सुशासन तिहार के माध्यम से मिले आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सुधार प्रक्रिया पूर्ण की गई।

ग्राम कांटाहरदी निवासी किसान देवेंद्र सिदार ने किसान किताब की द्वितीय प्रति के लिए सुशासन तिहार में आवेदन दिया था। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए पटवारी को उनके निवास पर भेजा। दस्तावेजों की जांच और मिलान उपरांत उन्हें उनके घर पर ही किसान किताब की प्रति सौंपी गई। इस सेवा से अभिभूत होकर सिदार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहल शासन-प्रशासन की संवेदनशीलता और पारदर्शिता का प्रमाण है।

डूमरपाली की श्रीमती दिव्या साहू ने जॉब कार्ड के लिए आवेदन किया था। सुशासन तिहार की सक्रियता का परिणाम यह रहा कि रोजगार सहायक स्वयं उनके घर पहुंचे और सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें हाथों-हाथ जॉब कार्ड सौंपा। दिव्या साहू ने कहा कि यह पहली बार महसूस हुआ कि सरकार की योजनाएं वास्तव में हमारे दरवाजे तक पहुंची है। इसी प्रकार छोटे मुड़पार की जानकी कुमारी पटेल और भावना महंत को भी मनरेगा कार्ड उनके घर पहुंचाकर दिया गया।

जिले भर से प्राप्त आवेदनों का त्वरित समाधान और नागरिकों को घर बैठे योजनाओं का लाभ मिलने से सुशासन तिहार लोगों के बीच एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। ग्रामीणों ने इसे शासन की जवाबदेही और जनता के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण का प्रतीक बताया है।