नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के भारत नगर थाना इलाके के संगम पार्क स्थित एक फैक्ट्री में सोमवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में बेहोश मिले एक परिवार के चार लोगों में से तीन की मौत हो गई है . हिंदू राव अस्पताल में भर्ती हरदीप सिंह और दोनों बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. वहीं एक महिला को दीपचंद बंधु अस्पताल में कराया गया था, जहां उनका इलाज अभी भी जारी. बता दें कि आर्थिक तंगी से परेशान चल रहे परिवार ने एक साथ जहरीला पदार्थ खा लिया था. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

एक ही परिवार के चार लोगों ने एक साथ खाया जहर  

राजधानी दिल्ली के भारत नगर थाना इलाके के संगम पार्क डीएसआईडीसी के इलाके में सोमवार सुबह एक ऐसा मामला सामने आया कि जिसने हर किसी को हैरत में डाल दिया, दरअसल संगम पार्क इलाके के डीएसआईडीसी शेड नंबर 63 में सोमवार सुबह एक परिवार के चार सदस्य बेहोशी की हालत में मिले. बताया जा रहा है कि परिवार महेंद्रू एंक्लेव इलाके में रहता था, कुछ दिन पहले परिवार निहाल विहार के चंद्र विहार चला गया

चारों ने फैक्ट्री के अंदर रखे केमिकल का किया सेवन

मृतक हरदीप सिंह DSIDC के शेड नंबर 63 में बाइक हॉर्न बनाने की यूनिट चलाते हैं. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. नॉर्थ वेस्ट डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि सोमवार (12 मई 2025) की सुबह करीब 8 बजे हरदीप सिंह अपनी पत्नी हरप्रीत कौर बेटे जगदीश सिंह और बेटी हरगुल कौर के साथ अपनी फैक्ट्री पहुंचे. प्रारंभिक जांच में पता चला कि फैक्ट्री के अंदर चारों ने किसी जहरीले पदार्थ का सेवन किया जो की फैक्ट्री में ही रखा हुआ था. कुछ समय के बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी और सभी बेहोश हो गए .

केमिकल के सेवन के बाद चारों की हालत बिगड़ी

 कुछ समय के बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी और सभी बेहोश हो गए. बेहोश होने से पहले ही बेटे ने अपनी बुआ को फोन करके पूरे मामले की जानकारी दी , इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और तीन लोगों को हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक महिला को दीपचंद बंधु अस्पताल ले जाया गया जहां हिंदू राव हॉस्पिटल में भर्ती तीनों लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई और महिला का इलाज दीपचंद बंधु अस्पताल में अभी भी जारी है.

बाइक हॉर्न बनाने की फैक्ट्री चलाते थे मृतक हरदीप सिंह

 हरदीप सिंह जो की बाइक हॉर्न बनाने की फैक्ट्री चलाते थे कुछ समय पहले तक उनके पूरे परिवार में सब कुछ सही चल रहा था. लेकिन अचानक पैसों की कमी होने लगी और पूरा परिवार आर्थिक दिक्कतों से जूझने लगा बच्चे अशोक विहार के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे जिनकी फीस बहुत ज्यादा थी कई महीनो से फीस भी जमा नहीं हुई थी. इन तमाम आर्थिक संकटों से ही परेशान होने के बाद परिवार ने महेंद्र एनक्लेव से निहाल विहार के चंदन विहार चला गया था.

परिवार ने सुनियोजित तरीके से घटना को दिया अंजाम

 बताया जा रहा है कि घटना वाले दिन परिवार सुनियोजित तरीके से घर से निकला. फैक्ट्री पहुंचा और फैक्ट्री में रखा हुआ केमिकल जहरीला पदार्थ परिवार में एक साथ खा लिया जिस के बाद मौत ने तीन जिंदगियां को अपनी आगोश में ले लिया और महिला हरप्रीत कौर अभी भी जिंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ रही है