Delhi Schools: दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी स्कूलों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्‍था के लिए एक व्यापक मानक संचालक प्रक्रिया (SOP) लागू की है। यह निर्णय दिल्ली हाई कोर्ट के 14 नवंबर 2024 के निर्देशों के बाद लिया गया है। जिसमें स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना की मांग की गई थी। यह एसओपी राजधानी के सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, अल्पसंख्यक संचालित और मान्यता प्राप्त गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों पर तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

बम धमकियों के चलते दिल्ली सरकार ने उठाया कदम

दरअसल, दिल्ली के स्कूलों को हाल के सालों में लगातार बम धमकियां दी गई हैं। साल 2024-25 में राजधानी के 200 से अधिक स्कूलों में बम की धमकी की खबरें सामने आईं। जो बाद में झूठी पाई गईं। इन घटनाओं ने न केवल छात्रों और अभिभावकों में भय का माहौल पैदा किया। बल्कि प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बन गईं। इस स्थिति के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने शिक्षा निदेशालय (डीओई) के माध्यम से एक प्रभावी प्रोटोकॉल तैयार किया है।

स्कूलों में अब होगी चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्‍था

दिल्ली सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार, नई एसओपी में स्कूलों की सुरक्षा को लेकर चार स्तरीय रणनीति अपनाई गई है। जिसमें रोकथाम (Prevention), तैयारी (Preparedness), प्रतिक्रिया (Response), और पुनर्प्राप्ति (Recovery) शामिल है। इसका उद्देश्य स्कूलों में ऐसी व्यवस्था बनाना है। जिससे आपातकालीन स्थिति में बच्चे और शिक्षक तुरंत और समन्वित ढंग से कार्रवाई का अपना बचाव कर सकें। इसके तहत सभी स्कूलों को उठाए जाने वाले कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई है।

दिल्ली सरकार की ओर से जारी नई एसओपी में बताया गया है कि सभी स्कूलों में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इसके साथ ही नियमित रूप से उनकी निगरानी भी सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा सभी स्कूलों में आपात
निकासी योजना (Evacuation Plan) तैयार की जाए। इसमें विशेष रूप से विकलांग और विशेष जरूरत वाले बच्चों (CWSN) के लिए अलग व्यवस्था की जाए।

इसके साथ ही स्कूलों में मासिक सुरक्षा ऑडिट और मॉक ड्रिल आयोजित की जाए। साथ ही भवन की संरचना का अद्यतन नक्शा जिला अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं को उपलब्ध कराया जाए। एसओपी में स्पष्ट किया गया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी स्कूलों को अपने संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को मासिक सुरक्षा चेकलिस्ट जमा करनी होगी। इससे प्रशासनिक निगरानी और समय-समय पर आवश्यक सुधारों की संभावना बढ़ेगी।

फर्जी धमकियों के खिलाफ सख्त चेतावनी

प्रोटोकॉल में झूठी धमकियों के मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि फर्जी अलार्म या धमकी फैलाने वाले किसी भी छात्र, अभिभावक या स्कूल स्टाफ के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसका उद्देश्य स्कूलों में अनुशासन और सुरक्षा की गंभीरता को बनाए रखना है।

एसओपी में दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवा और ट्रैफिक पुलिस जैसी आपातकालीन सेवाओं के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने पर जोर दिया गया है। स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए इन एजेंसियों से संपर्क की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करें।