चना भाव में तेजी, निचले स्तर पर खरीद बढ़ने से MSP के पार पहुंचे दाम

चना की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है और इसके भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के ऊपर कारोबार कर रहे हैं। चना के भाव बढ़ने की वजह निचले भाव पर इसकी खरीद बढ़ना है। सीजन की शुरुआत में चना का उत्पादन बढ़ने के अनुमान से इसके भाव तेजी से गिरकर एमएसपी से नीचे चले गए थे। बाजार जानकारों के अनुसार चना के भाव में आगे तेजी की संभावना है।
कितना महंगा हुआ चना?
इस समय दिल्ली में चना के भाव 5,750 से 5,800 रुपये चल रहे हैं। महीने भर में इसके भाव में 150 रुपये की तेजी आ चुकी है। पिछले महीने इसके भाव गिरकर एमएसपी से नीचे 5,450-5,500 रुपये तक चले गए थे। चना का एमएसपी 5,650 रुपये प्रति क्विंटल है। महाराष्ट्र की अकोला मंडी चना की अहम मंडी है। इस मंडी में चना 6,025-6,050 रुपये बिक रहा है। महीने भर पहले यह 5,800-5,825 रुपये क्विंटल रहा था। इस तरह इस मंडी में चना के भाव 225 रुपये क्विंटल चढ़ चुके हैं।
चना क्यों हो रहा है महंगा?
कमोडिटी एक्सपर्ट और एग्रोकॉर्प इंटरनेशनल में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने बताया कि नई फसल की आवक के समय चना के दाम काफी गिर गए थे। भाव एमएसपी से नीचे जाने के बाद इसकी मांग बढ़ने लगी। जिससे अब चना के भाव बढ़कर एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं। सरकारी नीतियों से भी चना की कीमतों में तेजी को समर्थन मिला। केंद्र सरकार ने पिछले महीने चना के आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगा दिया था। साथ ही शुल्क मुक्त पीली मटर के आयात की अवधि में समाप्त हो चुकी है। इन कारणों से भी चना की कीमतों में तेजी को बल मिला।
आगे क्या रहने वाले हैं चना के भाव?
बाजार जानकारों के अनुसार आगे चना की कीमतों में तेजी का रुख देखने को मिल सकता है। पॉल ने कहा कि अगले महीने तक चना के भाव 200 रुपये प्रति क्विंटल चढ़ सकते हैं क्योंकि चना का स्टॉक कम है। इसलिए स्टॉकिस्ट इसकी खरीद बढ़ा सकते हैं। India Pulses and Grains Association (IPGA) के मुताबिक महीने भर में चना महंगा हुआ है। हालांकि सप्ताह भर में चना की कीमतों में हल्की गिरावट देखने को मिली है। लेकिन आगे चना की कीमतों में तेजी आ सकती है क्योंकि किसानों ने अब चना की बिक्री धीमी कर दी है। इसके साथ ही मिलर भी आवश्यकता के अनुसार इसकी खरीद कर रहे हैं। हालांकि सस्ती पीली मटर की उपलब्धता के बीच चना की कीमतों में तेजी सीमित रह सकती है।