दिग्गज निवेशक विजय केडिया ने Gensol Engineering में फंड घोटाले और गवर्नेंस में गड़बड़ी के ताज़ा खुलासे के बाद निवेशकों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि ऐसी और कई कंपनियां हैं जो फिलहाल छिपी हुई हैं, लेकिन समय के साथ उनके भी राज़ सामने आएंगे। SEBI द्वारा जेनसोल के प्रमोटरों को सिक्योरिटीज़ मार्केट से बैन किए जाने के अगले ही दिन, केडिया ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अभी भी कई ‘Gensol’ अलमारी में छिपे हैं, जो वक्त आने पर बाहर आएंगे।” उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन संकेत दिया कि मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में खुदरा निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।

घोटाले की तरफ इशारा करने वाले 10 संकेत- विजय केडिया

  • बड़ी-बड़ी बातें करना और ज़रूरत से ज़्यादा वादे करना।
  • लगातार मीडिया में दिखना, सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना और बार-बार इंटरव्यू देना।
  • छोटी उपलब्धियों को भी बहुत बड़ा दिखाना।
  • बार-बार फंड जुटाना लेकिन उसके इस्तेमाल पर स्पष्टता न होना।
  • ट्रेंडिंग विषयों पर बेसिर-पैर का कारोबार शुरू करना।
  • फैंसी शब्दों का इस्तेमाल करना जैसे- “AI”, “डिसरप्टिव”, “नेक्स्ट-जेन”, लेकिन असल में कुछ ठोस न होना।
  • प्रमोटरों की ज़िंदगी में दिखने वाली चमक-धमक जो कंपनी की हालत से मेल न खाए।
  • प्रमोटरों द्वारा शेयरों को गिरवी रखना।
  • CFOs, ऑडिटर्स जैसे अहम पदों से बार-बार इस्तीफ़ा।
  • आपस में जुड़ी कंपनियों के साथ ज़्यादा लेनदेन।

क्या है Gensol Engineering का मामला?

SEBI ने बुधवार को Gensol के प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को सिक्योरिटीज़ मार्केट से बैन कर दिया। आरोप है कि उन्होंने कंपनी के फंड का गलत इस्तेमाल किया और उसे निजी खर्चों में लगा दिया। इसके साथ ही SEBI ने कंपनी द्वारा घोषित स्टॉक स्प्लिट को भी होल्ड पर डाल दिया है। सेबी की जांच में पाया गया कि कंपनी के पैसे का इस्तेमाल लक्ज़री रियल एस्टेट, जटिल फंड रूटिंग और निजी फायदे के लिए किया गया।

SEBI ने 29 पेज की इंटरिम ऑर्डर में लिखा, “प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि प्रमोटर-डायरेक्टर्स ने कंपनी के फंड का दुरुपयोग और डायवर्जन किया है और इसका सीधा फायदा उन्हें मिला है।” इसके अलावा, स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने भी तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है।

गौर करने वाली बात है कि SEBI की जांच तब शुरू हुई जब कई निवेशकों की शिकायतें आईं और साथ ही CARE और ICRA ने Gensol की जुड़ी कंपनी BluSmart Mobility की रेटिंग डाउनग्रेड की। इसका कारण समय पर कर्ज की अदायगी में देरी थी।

स्टॉक की भारी गिरावट

Gensol का शेयर लगातार 16वें दिन 5% लोअर सर्किट में बंद हुआ। दो हफ्तों में ही कंपनी की मार्केट वैल्यू 70% से ज्यादा गिर चुकी है। फरवरी 2024 में ₹1,376 के हाई पर पहुंचने के बाद, अब शेयर करीब 90% तक टूट चुका है। इस साल अब तक यह स्टॉक 84% गिर चुका है, जबकि Nifty 50 सिर्फ 1% नीचे है।